सऊदी अरब में महिलाओं को ड्राइविग करने और फुटबॉल मैच देखने की इजाजत के बाद अब एक और अधिकार मिल गया है.
सऊदी अरब की महिलाओं को अब कोई कारोबार करने के लिए पने पति या पुरुष रिश्तेदार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी. वह अपनी मर्जी से करोबार शुरू कर सकेंगी.
गुरुवार को सऊदी सरकार ने अपनी नीतियों में इस बदलाव की घोषणा की. इसके साथ ही मजबूत गार्जियनशिप की परंपरा भी खत्म हुई है.
सऊदी के वाणिज्य एवं निवेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि महिलाएं अपना कारोबार शुरू कर सकती हैं और सरकार की ई-सर्विसेज की सुविधा ले सकती हैं. इसके लिए उन्हें अपने गार्जियन की मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है.
अब तक क्या होता था
सऊदी में गार्जियनशिप सिस्टम का मतलब है कि कोई भी महिला बिना पति, भाई या पिता की इजाजत के किसी सरकारी पेपर पर साइन नहीं कर सकती है.
उन्हें कोई भी कारोबार करने के लिए संबंधी पुरुष की लिखित अनुमति लेना जरूरी होता था.
यहां तक कि सऊदी अरब में महिलाओं को अकेले सफर करने या किसी क्लास में एडमिशन लेने के लिए भी किसी पुरुष की इजाजत लेनी पड़ती है. महिलाएं किसी स्टेडियम के अंदर भी नहीं जा सकती थीं.
बताया जा रहा है कि ये फैसला देश में प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है.
सऊदी अरब में महिलाओं को कड़े प्रतिबंधों के साथ रहना पड़ता है. अन्य देशों की महिलाओं को जो अधिकार बरसों से प्राप्त हैं सऊदी कि महिलाएं उसके लिए संघर्ष कर रही हैं.
सऊदी अरब में महिलाओं के सीमित अधिकारों को मसला कई बार अंतराराष्ट्रीय स्तर पर भी उठा चुका है. सऊदी जाने वाली अन्य देशों की महिलाओं भी वहां कई दिक्कतों का सामना करती हैं.
प्रिंस सलमान ने दिये अधिकार
अरब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के सत्ता में आने के बाद से महिलाओं को कई अधिकार मिले हैं.
यहां पिछले महीने ही महिलाओं को स्टेडियम में बैठकर फुटबॉल मैच देखने की इजाजत मिली है. सऊदी
महिलाओं पर प्रतिबंधों को ढीला करने के पीछे अंतरराष्ट्रीय कारण भी बताये जाते हैं. लेकिन, यहां महिलाओं को मिल रहे अधिकार उनके लिए उम्मीद की किरन जैसा है.